Psalm 15 || भजन संहिता 15
2 (1-2) प्रभु! कौन तेरे शिविर में प्रवेश करेगा? कौन तेरे पवित्र पर्वत पर निवास कर सकेगा?
3) वही, जिसका आचरण निर्दोष है, जो सदा सत्कार्य करता है, जो हृदय से सत्य बोलता है और चुगली नहीं खाता, जो अपने भाई को नहीं ठगता और अपने पड़ोसी की निन्दा नहीं करता,
4) जो विध्रमी को तुच्छ समझता और प्रभु-भक्तों का आदर करता है,
5) जो किसी भी कीमत पर अपने वचन का पालन करता है, उधार दे कर ब्याज नहीं माँगता और निर्दोष के विरुद्ध घूस नहीं लेता। जो ऐसा आचरण करता है, वह कभी विचलित नहीं होता।
The Content is used with permission from www.jayesu.com
| भजन संहिता (स्तोत्र ग्रन्थ) को अच्छे से समझने इसके परचिय पर बनाये गए वीडियो को देखिये। |
